CERT-In की जांच शुरू, भारत की डिजिटल सुरक्षा पर सवाल
मुख्य बिंदु (Highlights):
- पाकिस्तान के हैकर ग्रुप “Pakistan Cyber Force” का दावा
- MES और IDSA की रक्षा वेबसाइटों को बनाया निशाना
- संवेदनशील जानकारी लीक होने की आशंका
- भारत की साइबर एजेंसियां अलर्ट पर
- सभी सरकारी वेबसाइटों को मजबूत करने के निर्देश
- भारत एक बार फिर साइबर हमले का शिकार हुआ है। पाकिस्तान आधारित साइबर अपराधियों ने दावा किया है कि उन्होंने भारत की प्रमुख रक्षा वेबसाइटों को हैक कर लिया है। इन वेबसाइटों में मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज (MES) और मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (IDSA) शामिल हैं।
हैकर ग्रुप “Pakistan Cyber Force” ने सोशल मीडिया और डार्क वेब के जरिये इस साइबर अटैक की जिम्मेदारी ली है। उनका दावा है कि उन्होंने रक्षा कर्मियों से जुड़े लॉगिन डिटेल्स, रणनीतिक डॉक्युमेंट्स और अन्य संवेदनशील डेटा को एक्सेस किया है।
इस घटना के तुरंत बाद भारत की CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) और रक्षा मंत्रालय की साइबर सुरक्षा इकाइयों ने जांच शुरू कर दी है। वेबसाइटों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया और लॉग रिकॉर्ड्स की फॉरेंसिक एनालिसिस की जा रही है।
विशेषज्ञों की राय:
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस घटना को एक बड़ी चेतावनी बताया है। उनका कहना है कि अब भारत को अपने रक्षा नेटवर्क और सरकारी पोर्टल्स की सुरक्षा को और अधिक आधुनिक बनाना होगा। टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, नियमित साइबर ऑडिट और डेटा एन्क्रिप्शन अनिवार्य किया जाना चाहिए।
सरकार की अपील:
केंद्र सरकार ने सभी सरकारी विभागों को अपने डिजिटल सिस्टम की जांच और सुरक्षा सुधार करने के आदेश दिए हैं। आम जनता को भी फिशिंग लिंक और संदिग्ध ईमेल से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
- निष्कर्ष:
- यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच केवल सीमा पर ही नहीं, बल्कि साइबर स्पेस में भी चल रही खींचतान को उजागर करती है। भविष्य के युद्ध अब डिजिटल भी होंगे — और ऐसे में भारत को अपनी साइबर सुरक्षा नीति को और अधिक आक्रामक बनाना पड़ेगा।
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