नेशनल हेराल्ड केस में ईडी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आरोपी नंबर 1 और 2 बनाया है। चार्जशीट में मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगे हैं, जो उनकी संसद सदस्यता तक को खतरे में डाल सकते हैं।
मुख्य बिंदु (Highlights)
- ईडी ने पीएमएलए एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की
- सोनिया गांधी आरोपी नंबर 1, राहुल गांधी आरोपी नंबर 2
- लोकसभा और राज्यसभा सदस्यता जा सकती है खतरे में
- 25 अप्रैल को कोर्ट में अगली सुनवाई
क्या सदस्यता जाने का है खतरा?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट में सोनिया गांधी को आरोपी नंबर 1 और राहुल गांधी को आरोपी नंबर 2 के रूप में पेश किया है। उनके अलावा सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, यंग इंडियन लिमिटेड और डोटेक्स मर्चेंडाइज को भी इस केस में आरोपी बनाया गया है।
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में PM Act की धारा 44, 45 और कंपनियों द्वारा अपराध की धारा 70 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें धारा 44 के अंतर्गत 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
यदि कोर्ट इन आरोपों को मान्यता देती है और सजा सुनाई जाती है, तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी की क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा सदस्यता पर संकट आ सकता है। कोर्ट इस मामले पर 25 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
मामला क्या है?
नेशनल हेराल्ड केस में आरोप है कि यंग इंडियन प्रा. लि. (YIL) ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के 99% शेयर केवल ₹50 लाख में प्राप्त किए, जिनकी संपत्ति लगभग ₹5,000 करोड़ की बताई जाती है। यह मामला कांग्रेस नेताओं द्वारा गैर-कानूनी रूप से संपत्ति हथियाने से जुड़ा हुआ है।
कानूनी स्थिति
9 अप्रैल 2025 को ईडी ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। यंग इंडियन, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, और अन्य को भी चार्जशीट में शामिल किया गया है। अदालत इस चार्जशीट पर 25 अप्रैल को संज्ञान लेगी।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए कहा कि यह भाजपा सरकार का “डराने का हथकंडा” है। पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा, “हम इससे डरने वाले नहीं, कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी।”
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