भारत सरकार ने तुर्की की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है।
सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया देश के नौ प्रमुख हवाई अड्डों—मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, कोचीन, कन्नूर और गोवा—पर ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो प्रबंधन और एयरसाइड ऑपरेशन्स जैसी सेवाएं प्रदान करती थी। कंपनी भारत में लगभग 7,800 कर्मचारियों को रोजगार देती है और 58,000 उड़ानों के ग्राउंड ऑपरेशन्स को संभालती है।
इस निर्णय का मुख्य कारण तुर्की द्वारा पाकिस्तान को समर्थन देना बताया गया है, विशेष रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान। इस सैन्य अभियान में पाकिस्तान ने तुर्की से प्राप्त ड्रोन और अन्य सैन्य उपकरणों का उपयोग किया था, जिससे भारत की सुरक्षा एजेंसियों में चिंता बढ़ गई थी।
इसके अतिरिक्त, शिवसेना ने मुंबई एयरपोर्ट पर सेलेबी के अनुबंध को रद्द करने की मांग की थी, यह आरोप लगाते हुए कि कंपनी भारत में मुनाफा कमाकर पाकिस्तान की मदद कर रही है।
इस कार्रवाई के बाद, प्रभावित हवाई अड्डों को वैकल्पिक ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों की व्यवस्था करनी होगी। एयर इंडिया SATS, AIASL और बर्ड ग्रुप जैसी कंपनियों को सेलेबी के स्थान पर सेवाएं प्रदान करने के लिए तैनात किया जा सकता है।
यह कदम भारत की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को दर्शाता है, जिसमें तुर्की के पारंपरिक विरोधियों—ग्रीस, आर्मेनिया और साइप्रस—के साथ संबंधों को मजबूत किया जा रहा है।
इस निर्णय से भारत के विमानन क्षेत्र में तुर्की की उपस्थिति पर सीधा प्रभाव पड़ेगा और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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